सिफारिश

सिफारिश! Recommendation Must For Success

हिंदी लेख

सिफारिश ! क्यों जरुरी है सिफारिश ?


ये तो मैं और आप सब ही जानते है ,कि आजकल दुनिया में कोई भी काम बिना सिफारिश के नहीं होता ! यदि किसी को अच्छा पद चाहिए ,किसी भी व्यावसायिक क्षेत्र में , या किसी व्यक्ति को एक नामी या विकसित कंपनी में नौकरी चाहिए , किसी को अपना व्यवसाय भी खड़ा करना है तो उसी सिफारिश की जरुरत पड़ती है! बिना सिफारिश के आगे बढ़ना, अपने आपको उच्च पद पे देखना मुश्किल है! तो क्या सिफारिश इतनी जरुरी है।
यदि कोई विद्यार्थी पढ़ लिखकर दसवीं में अच्छे अंको से उत्तीर्ण होने के बाद भी सिटी के टॉप कॉलेज में प्रवेश पाने के लिए उसे सिफारिश की जरुरत पड़ती है सिर्फ इसलिए कि वह गरीब है! उसकी और कोई पहंचान नहीं है ! यही कोई अमीर घर का जिसको पढ़ने में कोई रूचि भी नहीं बस बड़ी पहुंच और पहँचान से प्रवेश मिल जाता है ! यदि सब सिफारिश से ही प्राप्त होता है तो हमें पढ़ने लिखने की जरुरत नहीं!

फिर वह बच्चा अपने बालपन से शिक्षा प्राप्त करने विद्यालय जाने लगता है ! भले उसे पढ़ना लिखना ना पसंद हो फिर भी वह अपना भविष्य बनाने के लिए विद्यालय जाते हैं ! जरुरी नहीं सब बच्चे मन लगा के पढ़ें। कुछ ऐसे भी होते है जो जी जान लगा देते है! जो बच्चे नहीं पढ़ते है वो भी सुबह उठकर विद्यालय तो जाते है ! इतनी मेहनत करते है अपनी खेलने कूदने का समय वो विद्यालय में देते है ! माँ बाप का भी कम योगदान नहीं होता !
अपने बच्चे को अच्छी शिक्षा देने के लिए , कामयाब इंसान बनाने के लिए दिन रात एक कर देते है ! कड़ी धुप हो , वर्षा हो , गर्मी हो या ठंडी हर मौसम का सामना करते हुए ! काम करते है ! हर तकलीफ कठिनाइयों का सामना करते है ! ताकि उनके बच्चो कम ना पड़े ! जितना हो सके उतना शिक्षा दे सकें , अच्छे से अच्छे विद्यालय और विश्वविद्यालय में पढ़े! उत्तम से उत्तम शिक्षा प्राप्त कर सकें , यदि किसी बच्चे को अध्यापक बनाने में रूचि है तो वह उसकी पढ़ाई की तैयारी करता है , कोई डॉक्टर ,कोई इंजीनियर तो कोई कलेक्टर ! अर्थात जिसको जिस क्षेत्र में रूचि है वह उसमे मन लगा के पढता है! अपना और अपने परिवार का भविष्य बनाएगा! अंत में कही जाकर जब वह अपने क्षेत्र में पास हो जाता है ! तब उसे नौकरी की तलाश होती है !


जिससे वह अपने परिवार का खर्च उठा सके ! आज के दुनिया में नौकरी मिलना तो आसान नहीं है! जहाँ हर चीज के लिए स्पर्धा लगी रहती है! नौकरी तो बहुत जरुरी है सभी के लिए इसमें भी होड़ लगी है ! अब एक प्रतिष्ठित और नामी कंपनी में , या विद्यालय , अस्पताल में नौकरी कैसे मिलेगी ? हमारे हिसाब से तो हमें हमारी काबिलियत , इंटरव्यू और डिग्री के आधार पर हमें नौकरी मिलनी चाहिए ! पर ऐसे नहीं है बिना सिफारिश के एक अच्छे या प्रतिष्ठित में नौकरी पाना मुश्किल है !
आजकल तो ये आ गयी है कि कंपनी के गेट तक जाने के लिए सिफारिश की जरुरत पड़ती है ! इतना ही नहीं छोटे अस्पताल , छोटे कंपनी , विद्यालय सब जगह सिफारिश की जरुरत पड़ती है !
तो उस इंसान की ने अपने जीवन के २५/२७ साल उसने जो पढ़ने में लगाए ! सिर्फ ये सोच के कि आगे चल के उसे कमियाबी मिलेगा , उसने अपना अपना जीवन पढाई में बिता दिए और उनके माता -पिता ने मेहनत करके जो पानी की तरह पैसे बहाये अपना खून- पसीना एक करके , १ वक्त का खाना खाके अपना गुजरा किआ बस इस उम्मीद में की अभी हम कुछ खर्च करेंगे तो आगे चल के दुगुना मिलेगा! उनका कोई मोल नहीं!! उनकी भावनाओ का कोई मोल नहीं ! उस विद्यार्थी की डिग्री का कोई महत्व नहीं! यदि ऐसे ही सब काम सिफारिश से ही होना है !

सिफारिश

हमें क्यों सुरु से ही पढ़ने के सीख दी जाती है! क्या डिग्री का कोई मोल नहीं !यदि ऐसे ही है जब बिना डिग्री के ही काम हो जाता है तो पढ़ने- लिखने की क्या जरुरत बंद कर दो सभी विद्यालय ! कम से कम विद्यार्थियों और माता- पिता को इतनी मेहनत और पैसे खर्च करने की जरुरत नहीं ! अपनी इच्छाओ खुशियों को मारकर पढ़ाई में बेहिसाब पैसे खर्च करना बेकार है !

कितना अच्छा होता यदि हर क्षेत्र पहले से ही बता दे की देखो यहाँ डिग्री की जरुरत नहीं! आप पढ़ाई मत करो बस किसी सिफारिश करने की मांग करो तो आपको तुरंत ही काम मिल जायेगा ! ऐसे लोगो को शर्म आना चाहिए जिनके नज़रों में शिक्षा का कोई मोल नहीं ! जो लोग सिर्फ कुछ पैसो के लिए सिफारिश के आधार पे एक ऐसे व्यक्ति को नौकरी देते है जिसने कोई मेहनत नहीं की और जिसने अथक प्रयास किआ वो बस अपना मन मानकर खड़ा रह गया ! यही वजह है की हमरा देश तरक्की नहीं कर रहा है ! हमारे देश में लोग गुणों को काबिलियत को इतना महत्व नहीं देते जितना पैसे को देते है! लोगों को जरुरत है अपने सोच और नजिरए को बदलने की ! शिक्षा के प्रति जागरूक होने की और उसका महत्व समझने की ना की सिफारिश को बढ़ावा देने की ! लोगो को उसकी शिक्षा और काबिलियत के हिसाब से नौकरी दो ना कि सिफारिश के आधार पर !

आपकी एक सिफारिश से किसी की पूरी जिंदगी बन जाती है या किसी की जीवन भर के लिए बिगड़ जाती है ! किसी के ख़ुशी का कारण बनो हसने की वजह बनो ना की दुःख की ! भगवान सब देख रहा है जो जैसे करेगा उसे वैसे ही फल मिलेगा !


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