गृहणी ? गृहणी(Homemaker) कितना छोटा शब्द है
गृहणी (Homemaker)? गृहणी कितना छोटा शब्द है सुनने में परन्तु इस छोटे शब्द में पूरी दुनिया समायी है !गृहणी के कई रूप है ! वह एक पुत्री है ,बहन है , किसी की पत्नी है और सभी रिशतों से ऊपर एक माँ है ! इन सारे रिश्तों का जो मान रखती है और सभी रिश्तो को बखुब ही निभाती है वह गृहणी है !
घर के सभी सदस्यों को जोड़े रखने का काम भी वह करती है ! रिश्तो की कसौटी पे खरा उतरना कोई छोटी बात नहीं है ! वह अपने सारे दुःख- सुख भूलकर रिशतों की कसौटी पे खरा उतरती है! जहाँ उसने अपना बचपन बिताया है ! अपने जीवन के २०/२५ साल बिताये हैं ! उस घर को छोड़कर एक अंजान घर में जाकर रहना , जहाँ वह किसी को जानती भी नहीं यह कोई मामूली बात नहीं !
पराये घर में जाकर वहां के कायदे- कानून सीखना , उनकी उम्मीदों पे खरा उतरना बहुत कठिन होता है! लेकिन फिर भी एक गृहणी अपने सारे फर्ज निभाती है ! सबसे बड़ी बात पराये घर में जाकर वहाँ के लोगो मन में अपने लिए प्यार जगाना और वहां के लोगो को दिल से अपनाना , किसी और को अपने माँ बाप का दर्जा देना ! यह सब के बस की बात नहीं है पर यह एक गृहणी के लिए नामुमकिन नहीं है!
वह तो असंभव को भी संभव कर देती है ! गृहणी(homemaker) देवी के स्वरुप है जिसके अंदर सिर्फ ममता और प्रेम दिखाई देता है ! उसकी जिंदगी घर के इर्द गिर्द ही समायी है ! लेकिन यह वही गृहणी है जो समय आने पर अपने घर बचाने के लिए माँ दुर्गा या काली का रूप ले लेती है ! सभी परेशनियों से अकेली ही लड़ जाती है ताकि उसके परिवार पे कोई आँच ना आये !
गृहणी (Homemaker)वह है जो सुबहः से शाम और शाम से रात तक बिना किसी संकोच के निःस्वार्थ भाव से बस अपना कार्य करने में लगी रहती है ! अपने परिवार वालो को खुश रखने का प्रयत्न करती है !
वह हर मुमकिन कोशिश करती है जिससे वह अपने परिवार को हर तरह से सुखी रख सके ,खुश रख सके! सूरज उगने से पहले ही वह उठकर अपने बच्चे और अपने पति का टिफिन बनाती है! बच्चे को तैयार करती है विद्यालय के लिए ताकि वह समय पे जा सके ,टिफिन देती है जिससे उसका बच्चा भूका ना रहे मन लगा के पढ़े ! फिर वह घर के बुजुर्गों को नास्ता – पानी करा कर घर के बाकि कामो में लग जाती है !
इन सब में उसे अपनी सेहत और खाने पिने का कोई ध्यान नहीं रहता है ! फिर दोपहर में वो अपने बच्चे के लौटने का इंतज़ार करती है ! उसके घर लौटते ही उसे जो सुकून मिलता है ये वही जानती है ! उसका गृहकार्य करवाती है ! शाम होते ही फिर वह परिवार के लिए नास्ते की तैयारी करती है ! कुछ देर बाद वह रात के खाने की तैयारी में लग जाती है ! सभी को खाना खिलाकर अपने पति का इंतज़ार करती है !
पति कितना भी देर से आये वह भूके पेट इंतज़ार करती है ! खाना खाने के बाद फिर वह कल खाने में क्या बनेगा क्या नहीं ये सब सोचने लगती है !
एक गृहणी अपने सारे सपनों को भूलकर अपनी इच्छाओ को मारकर अपने बच्चे ,पति तथा अपने परिवार में अपनी खुशियां ढूूँढती है ! अपने परिवार को खुश रखने का प्रयत्न करती है ! बदले में वो क्या चाहती है ,बस अपने परिवार से थोड़ा प्यार , सम्मान और थोड़ा-सा ध्यान बस !
लेकिन जब बच्चे बड़े हो जाते है तब अपने माँ की और ध्यान देना तो दूर उसे बात करने तक की फुर्सत नहीं होती !
अगर माँ कोई बात समझती है तो सब बात बुरी लगती है उसे डट कर चुप करा देते है ! कुछ कुछ बच्चे ऐसे होते है जिन्हे अपने माँ को अपने दोस्तों से मिलाने में शर्म आती है !
अरे आप क्यों भूल जाते हो ये वही माँ है जिसने सारे दर्द तकलीफ सह के आपको ९ महीने तक अपने गर्भ में रखा आपको इस दुनिया में लाया ! आज जिस माँ के बारे में बताने में शर्म आ रही है यदि वो नहीं होती तो आपका अस्तित्व ही नहीं होता! ये वही माँ है जो अगर तुम्हे छोटी से चोट लगे तो तड़प जाती है ,बचपन में तुम्हे अपने हाथों से खाना खिलाती ,नहलाती -धुलती! एक गृहणी(Homemaker) चाहे कितनी ही बीमार क्यों न हो वह अपन कर्त्तव्य से पीछे नहीं हटती ! दफ्तर में तो फिर भी छुट्टी मिल जाती है !
एक गृहणी ही है जिसे कभी छुट्टी नहीं मिलती ! घर का काम दफ्तर के काम से बहुत बड़ा होता है ! दफ्तर का काम तो फिर भी ख़तम हो जाता है कभी ना कभी पर घर का नहीं !
दफ्तर का काम ज्यादा से ज्यादा ८ घंटा या १२ घंटा होता है ! लेकिन एक गृहणी तो २४घंटा काम करती रहती है ! वह भी बिना किसी पगार के ना किसी लालसा के !आज भी हमारे देश कुछ लोग ऐसे भी है जो गृहणी को अपना नहीं पाते है ! उन्हें परेशान करते है ,ताना देते है उनका सम्मान नहीं करते ! यह बहुत गलत बात है ! गृहणी के योगदान और कर्त्तव्य को समझे ! एक गृहणी(Homemaker) ही है जो आपके परिवार को संभालती है , उन्हें जोड़कर रखती है !
मुसीबत आने पर परिवार की ढाल बनती है ! भले ही वह अंदर से कितनी ही तकलीफ में हो दर्द में हो वह किसी को जताती नहीं है ! क्यों की वह जानती है यदि में टूट जाऊँगी तो मेरे परिवार को कौन संभालेगा ! ये तो सभी जानते है की एक वह (Homemaker) घर की लक्ष्मी होती है यदि आप उसका अपमान करोगे ,उसे दुखी रखोगे ,तो लक्ष्मी आपके घर वास नहीं करेगी और आप भी खुश नहीं रह पाओगे!
आजकल तो वह घर के साथ -साथ दफ्तर भी संभालती है जो की आदमी के बस की बात नहीं ! वह दफ्तर से लौटने के बाद भी घर आकर सारे काम करती है !खाना बनाती है !
आदमी तो सीधा मना करते है की हम दफ्तर का काम करके आये है यह तुम्हारा काम है !
जब पति पत्नी ने हर सुख -दुख में साथ रहने का वचन दिया है तो घर की जिम्मेदारी सिर्फ गृहणी ही क्यों उठाये , क्या यह घर पति का नहीं ! जब एक गृहणी घर और दफ्तर दोनों का काम कर सकती है तो पति क्यों नहीं !
एक ही है जिससे घर बना हुआ है घर से परिवार और परिवार से गाँव और गाँव से देश ! एक गृहणी ही है जो पूरी दुनिया चला सकती है ! वह नहीं तो हम नहीं ! उसके के महत्व को समझे यदि आप उसका सम्मान नहीं कर सकते ,उसे थोड़ा प्यार नहीं दे सकते, तो उसका अपमान करने का उसे दुखी रखने का आपको कोई हक़ नहीं है !
गृहणी के बिना हमारा कोई अस्तित्व नहीं ! एक बात आप सभी जान ले स्वामी तीनों जहाँ का , माँ बिना भिकारी ! यह माँ एक गृहिणी(Homemaker) ही है !