स्त्री पर जुर्म क्यों ?
आज के दौर में स्त्रियाँ पुरुषों से कम नहीं है । स्त्रियाँ पुरुषों से कंधे से कंधा मिलाके चलती है ! वो बात अलग है पहले हमारा समाज पुरुषप्रधान समाज था परन्तु आज की परिस्थिति विभिन्न है ।आज दुनिया के हर क्षेत्र में स्त्रियों ने अपना वर्चस्व स्थापित किया है ।चाहे वो राजनीती हो , पुलिस कर्मचारी , शिक्षक , खेल महोत्सव ,दफ्तर या घर हर जगह वह अपनी भूमिका बखूबी निभाती है । इसलिए हमारे देश में स्त्री को पूजनीय माना गया है ।
लोगो ने पहले की रूढ़ी और बेबुनियाद परंपरा को पीछे छोड़ आगे बढ़ स्त्री और पुरुष को समान दर्जा दिया है ,जो की सराहनीय है ! जिसकी वजह से आज देश की हर लड़की शिक्षा प्राप्त कर सकती है ,अपनी पसंद – नापसंद का चुनाव करने की स्वतंत्रता रखती है ,जो चाहे वह वैसे वस्त्र धारण कर सकती है उसकी स्वतंत्रता पर किसी का कोई रोक नहीं । परंतु इतनी सुख -सुविधा होने के बावजूद भी क्या वह स्त्री जो किसी की बेटी है , बहन है ,पत्नी है , माँ है अपने आपको सुरक्षित महसूस करती है ?
नहीं ! क्यूँ है ऐसा ? ये वही देश है ना जो दावा करता है स्त्रियाँ पूजनीय है ,स्त्री हमारी माता है , जिस धरती पे आप रहते हो वह भी माता है अर्थात स्त्री ही है , आपका अस्तित्व एक स्त्री पे ही निर्भर करता है ।स्त्री ही है जो पुरुष को जनम देती है यदि वह भी पुरुषों की भ्रूणहत्या कर दे जैसे पहले कन्याओ के साथ होता था ताकि वह अपने आप को सुरक्षित महसूस करे परंतु वह ऐसे नहीं करती क्यों की वह संसार के नियम के खिलाफ होगा और पर्यावरण का संतुलन बनाये रखने के लिए स्त्री और पुरुष दोनों जरुरी है ।
फिर भी स्त्रियों के साथ इतना दुर्व्यवहार क्यों ? दिन ब दिन स्त्रियों के खिलाफ वारदाते बढ़ती जा रही है! आए दिन महिला घरेलु हिंसा का शिकार होती है ,बस हो , ट्रैन हो ,सड़क -मोहल्ला , दफ्तर हो इन सभी जगहों पर छेड़खानी होना आम बात हो गयी है । यदि कोई लड़की पढ़ – लिखकर दफ्तर में काम करके कामना चाहती है अपना भविष्य बनाना चाहती है तो इसमें किसीको क्या दिक्कत वह भी बड़े पद पे बैठे लोग लड़की का फायदा उठाते है जिससे बहुत से महिला दफ्तर जाना छोड़ देते है अपने अरमानो को अंदर ही दफना देते है और वह आगे नहीं बढ़ पाती ।
आजकल हमारे देश में रेप की वारदात बढ़ रही है सरकार ने कई कानून भी बनाये इन अपराधियों के लिए परन्तु इसका कोई लाभ नहीं मिल रहा है । अपराधी तो निडर होकर अपराध किए जा रहे है ! आम लड़की के जीवन पे क्या असर पड़ रहा है ये सिर्फ वही जानती है ।घर से निकलने में भी डर लगता है , वह किसपे भरोसा करे किसपे नहीं ये विचार उसके मन में आते है जब दिन में ही इतना डर लगता है रात की तो बात ही छोड़ दो ! अगर कोई स्त्री या लड़की रत में अपने काम से आ रही है तो रास्ते पर चलेवाले व्यक्ति को शक की निगाहों से देखती है क्यों की उसमे उसकी कोई गलती नहीं बहुत से पुरुष या लड़के होते है जो गंदे इरादों से उनपर नजर डालते है ,ऑटो -रिक्षा वाले भी अजीब निगाहों से देखते है ।
एक महिला के लिए अपने घर से दफ्तर तक रास्ता या दफ्तर से घर तक का रास्ता तय करने के लिए कितनी समस्यायों का सामना करना पड़ता है आप सोच नहीं सकते ।
सबसे पहले वो दफ्तर से निकलके अपने स्टॉप तक का सफर डर के सहम के की कही कोई कुछ कर ना दे ,लोगो की गंदी नज़रों का सामना करके तय करती है फिर वह जैसे तैसे ऑटो में बैठती है फिर अपने आसपास सिर्फ पुरुषो को देख कर वह क्या महसूस करती है इसका हम अनुमान भी नहीं लगा सकते जैसे तैसे डरते सहमते भगवान को याद करके अपने घर तक का सफर तय करती है ।महिलाओ को जबरदस्ती वैश्यावृत्ति में डाला जाता है , महिलाओ को बेचा जाता है सिर्फ चंद पैसे के लिए ,कोई अपना बदला लेने के एसिड फेक देते है ।
अपराधी तो अपराध करता है उसकी सजा भी वह पाता है पर उसकी सजा सिर्फ एक बार की होती है ! परन्तु जो पीड़ित होती है पीड़ित का परिवार होता है उनपर क्या बीतती है ये हमारी सोच से परे है उन्हें तो हर रोज सजा मिलती है लोगो के ताने वह तिल -तिल हररोज मरते है! पीड़िता का ना वर्तमान रह जाता है और ना भविष्य ! वह अपनी जिंदगी ख़त्म करने का सोचने लगती है उस समय जो पीड़ित की मानसिक स्थिति ऐसे हो जाती है की उसे अपने परिवार के पुरुषो से ही डर लगने लगता है ! सभी पुरुषो से भरोसा उठ जाता है फिर चाहे वह भाई हो , ,मामा , चाचा या खुद उसके पिता ! उसे घर से निकलने में भी डर लगता है ।
आजकल तो स्थिति यह बन गयी है की लोग बच्चियों को भी नहीं छोड़ते धिक्कार है ऐसे लोगो पे, मुझे शर्म आती है ऐसे लोगो पे और अपने आप पर भी की में ऐसे देश में रहती जहाँ स्त्री के साथ ऐसे दुर्व्यवहार किए जाते है ! पुरुष ये क्यूँ नहीं सोचते उनकी बहन है ,माँ है उनके साथ भी ऐसे हो सकता है ।
आजकल हमारे देश में रेप की वारदात बढ़ रही है सरकार ने कई कानून भी बनाये इन अपराधियों के लिए परन्तु इसका कोई लाभ नहीं मिल रहा है । अपराधी तो निडर होकर अपराध किए जा रहे है ! आम लड़की के जीवन पे क्या असर पड़ रहा है ये सिर्फ वही जानती है ।घर से निकलने में भी डर लगता है , वह किसपे भरोसा करे किसपे नहीं ये विचार उसके मन में आते है जब दिन में ही इतना डर लगता है रात की तो बात ही छोड़ दो
आजकल हमारे देश में रेप की वारदात बढ़ रही है सरकार ने कई कानून भी बनाये इन अपराधियों के लिए परन्तु इसका कोई लाभ नहीं मिल रहा है ।
अपराधी तो निडर होकर अपराध किए जा रहे है ! आम लड़की के जीवन पे क्या असर पड़ रहा है ये सिर्फ वही जानती है ।घर से निकलने में भी डर लगता है , वह किसपे भरोसा करे किसपे नहीं ये विचार उसके मन में आते है जब दिन में ही इतना डर लगता है रात की तो बात ही छोड़ दो ! अगर कोई स्त्री या लड़की रत में अपने काम से आ रही है तो रास्ते पर चलेवाले व्यक्ति को शक की निगाहों से देखती है क्यों की उसमे उसकी कोई गलती नहीं बहुत से पुरुष या लड़के होते है जो गंदे इरादों से उनपर नजर डालते है ,ऑटो -रिक्षा वाले भी अजीब निगाहों से देखते है ।
अगर कोई स्त्री या लड़की रात में अपने काम से आ रही है तो रास्ते पर चलेवाले व्यक्ति को शक की निगाहों से देखती है क्यों की उसमे उसकी कोई गलती नहीं बहुत से पुरुष या लड़के होते है जो गंदे इरादों से उनपर नजर डालते है ,ऑटो -रिक्षा वाले भी अजीब निगाहों से देखते है ।
आप देवी की पूजा करते हो घर की सुख शांति के लिए ,लक्ष्मी माता की पूजा करते हो धन पाने के लिए वह भी एक स्त्री है जब आपलोग जीती जागती स्त्री का सम्मान कर सकते तो पत्थर की मूरत का पूजा करने का क्या फायदा आपकी पूजा का कोई मतलब नहीं किस मुँह से आप उनसे हर चीज की कामना करते हो आपका कोई हक़ नहीं ।अपनी आँखे खोलो स्त्री को और उसकी भावनाओ को समझो उसका सम्मान करो । ऐसे ही चलता रहा तो स्त्री का अस्तित्व नाममात्र ही जाएगा ।
Inspiring post and it creates social awakening