इरादे

इरादे की शक्ति: 1 WAY FOR HAPPY LIFE

शरीर ,आत्मा और मन

बुलंद इरादे , जिंदगी को बुलंदियों पर पहुंचाते हैं

जिंदगी की बुलंदी , बुलंद इरादों से होती है,
पंखोंवाले , पखेरू तो बहुत उड़ते ;
देखा है आसमां में ,
हम उनकी , बात करते हैं ,
जो पंखों , से नहीं ,
अपने बुलंद , इरादों , से ,
उड़ान भरते हैं।

इरादा पक्का और सुदृढ़ होना चाहिए

क्या कभी ए जानने की कोशिश की है, इरादे में कितनी शक्ति है ? या एक पक्का इरादा आपको कहाँ से कहाँ पहुँचा सकता है ! किसीने सच ही कहा है, कि अकेला चना भाड़ नहीं फोड़ता अर्थात एक अकेला मनुष्य किसी बड़े काम को अंजाम नहीं दे सकता ! लेकिन ये सिर्फ कहावत है और हमारी जिंदगी एक हकीकत , हम कहावतों पर नहीं चल सकते , उसी को सच मानकर उस पर अमल नहीं कर सकते . क्योंकि हम यह बात भी नहीं झुटला सकते एक चीटीं ही है जो इतने विशालकाय हाथी को मात देती है। अर्थात हमारा इरादा पक्का और सुदृढ़ होना चाहिए।

जब हम अपने आप पर भरोसा करते हैं , तब आप उस शक्ति पे भरोसा करते हैं ,जिसने आपको बनाया है और फिर लोग भी आपकी शक्ति पे भरोसा करते हैं , जब हम इरादा शब्द का प्रयोग करते है तब कई सवाल मन में आते हैं। जैसे आज वो व्यक्ति काम पर नहीं आएगा या मैंने आज ये काम करने का ठाना है या इरादा किया है ,चाहे मेरे रास्ते में कितनी भी रूकावट आए लिया हुआ काम मैं करके ही रहूँगा/रहूँगी।

हारकर भी आगे बढ़ने का जज्बा

ऐसे बहुत लोंग होते हैं , जो हारकर भी आगे बढ़ने का जज्बा रखते हैं , अपना विश्वास टूटने नहीं देते और दृढ़ निश्चय के साथ आगे बढ़ते हैं , और उन्ही लोगों की जिद्द उन्हें अपनी मंजिल तक पहुँचाती है। ऐसे लोग ही शिखर की ऊचाई को भी पारकर जाते हैं। इसे कहते है पक्का इरादा। किसी को देखने का नजरियाँ या किसी के बारे में राय देना यह भी एक प्रकार का इरादा ही है ।

हम किसी भी व्यक्ति, वस्तू या कोई भी चीज को उतना ही समझना या जानना चाहते हैं , जो राय हमने बना रखी है या जो छवि हमने अपने मन में पहले से ही बसा रखी है, अर्थात हमने और जानने का प्रयत्न ही नही किया हमने उतना ही जाना समझा जो हम समझना चाहते थे। इरादे, हमेशा नेक रखें।

सुधरने का दूसरा मौका

यदि कोई व्यक्ति दिन रात मेहनत कर तरक्की कर रहा है और उसके पास ऐश्वर्य की कोई कमी नहीं तब भी लोग कहते है वो व्यक्ति गलत तरीके से पैसे कमा रहा है मतलब लोगों ने पहले से ही अपना इरादा बना लिआ है फिर वो चाहे गलत हो या सही , अगर किसी व्यक्ति अपने बुरे कर्मों के बाद सुधरने का प्रयत्न करता है तब भी ये लोग उसे गलत ही समझते है क्योंकि इसमें उनकी भी कोई गलती नहीं है क्योंकि उन्होंने उस इंसान के बारे में पहले से ही बुरी छवि अपने मन में बना रखी है, लेकिन सभी को सुधरने का दूसरा मौका मिलना चाहिए।

ऐसे बहुत लोंग होते है जो अपने आपको व्यक्त्त नहीं कर पाते , अपने विचार मन में ही रख के उसी के बारे में सोचते रहते हैं ,और कुछ लोग होते हैं , जो अपने विचार व्यक्त्त करने के लिए उसे किताब के पन्नो में लिखना सुरु कर देते हैं ,और उसी के सहारे अपने विचार व्यक्त्त करते हैं , क्योंकि उनमे आत्मविश्वास नहीं होता उनका इरादा पक्का नहीं होता ,तो हमें दिल से बोलने की जरुरत है और जब हम दिल की सुनते हैं , तब एक अलग तरह की ताकत हमारे दिल को मजबूत करती है। और हमारे , इरादे बुलंद होने लगते हैं।

आपके आत्मविश्वास को बढाती है। इस तरह जब हम अपने पक्के इरादे के साथ कुछ करने का ठान लेते हैं , और पूरी ईमानदारी और मेहनत से उसे पूरा करने में जी और जान लगा देते हैं , तब कामयाबी हमसे ज्यादा दूर नहीं रहती,हम आम से खास बन जाते हैं। हम वो बन जाते है जिसे हर कोई बात करना चाहता है ,हर कोई देखना चाहता है। इन सब चीजों से हमारे इरादे बदलने लगते हैं।


सब हम पर ध्यान देने लगते हैं , और हमें खुद लगने लगता है , कि हम अति महत्वपूर्ण व्यक्त्ति बन गए हैं ,और हमारा आत्मविश्वास और मजबूत हो जाता है ,इरादे पक्के हो जाते हैं , विश्व में होनेवाली हर एक घटना का कोई न कोई इरादा बहुत होता है ,जैसे भूकंप,बाढ़ ,वर्षा जिसका मानवीय जीवन पर और पर्यावरण में स्थित जीव -जन्तुओ पर प्रभाव पडता है, किसी पे अच्छा प्रभाव पड़ता है , तो किसी बूरा।

इरादे का मतलब

इरादे का मतलब सिर्फ तरक्की ही पाना नहीं है ,किसी का इरादा पेड़ उगाना भी हो सकता है ,किसी का मुफ्त में ज्ञान देना या कुछ लोंग ऐसे भी है दुनिया में , जिनको कुछ नहीं करना है ,यह भी एक तरह का इरादा ही है ।

जो उसने पहले से ही ठान रखा है ,इरादा वो नहीं जिनसे आप जुड़ना चाहते हों , इरादा तो वो है , ,जो पहले से आपके साथ जुडी है , बस आपको अपनी इरादे की शक्त्ति को पहचानने की जरुरत है.जब हम चीजों देखने का नजरियाँ बदल देते है तब वो चीजे भी बदली नजर आती हैं ,तब हमारे मन में यह ख्याल आता है ,कि हम किस दुनिया में जी रहे है , यहाँ लड़ाई होती है ,लोग एक दूसरी की कामयाबी को देख के जलते हैं ,यह दुनिया बुरी है या अच्छी ?

इरादे का सही चयन

दुनिया अच्छी या बुरी नहीं होती या दुनिया के लोग अच्छे बुरे नहीं होते न तो परिस्तिथियाँ अच्छी बुरी होती हैं ,ये लोगो का नजरिया अच्छा या बुरा होता है,जो आपने अपने मन में ठाना है इरादा बना रखा है , दुनिया आपको वैसे ही लगेगी , इंसान को चाहिए कि वो अपने इरादे का सही चयन करे और अपना नजरिया लोगो के या चीजों के प्रति सोच को सही दिशा में बदले।